दर्पण टुडे न्यूज़
नई शिक्षा नीति 2020: भारत की शिक्षा में ऐतिहासिक क्रांति, जानिए बड़े बदलाव!
36 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को मंजूरी दे दी है। यह नीति भारत की शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार है, जो पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों को आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने का प्रयास करती है। इस नीति के तहत न केवल विद्यालयी शिक्षा में बड़े परिवर्तन किए गए हैं, बल्कि उच्च शिक्षा प्रणाली को भी व्यापक रूप से सुधारा गया है।
नई शिक्षा नीति 2020 की मुख्य विशेषताएँ
1. शिक्षा संरचना में बदलाव (5+3+3+4 फार्मूला)
नई शिक्षा नीति के तहत पुरानी 10+2 प्रणाली को बदलकर 5+3+3+4 संरचना अपनाई गई है। यह बदलाव छात्रों के संपूर्ण बौद्धिक, मानसिक और कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
(क) मूलभूत (फाउंडेशनल) स्तर (5 वर्ष)
– नर्सरी (4 वर्ष)
– जूनियर केजी (5 वर्ष)
– सीनियर केजी (6 वर्ष)
– कक्षा 1 (7 वर्ष)
– कक्षा 2 (8 वर्ष)
(ख) प्रारंभिक (प्रिपरेटरी) स्तर (3 वर्ष)
– कक्षा 3 (9 वर्ष)
– कक्षा 4 (10 वर्ष)
– कक्षा 5 (11 वर्ष)
(ग) माध्यमिक (मिडल) स्तर (3 वर्ष)
– कक्षा 6 (12 वर्ष)
– कक्षा 7 (13 वर्ष)
– कक्षा 8 (14 वर्ष)
(घ) उच्च माध्यमिक (सेकेंडरी) स्तर (4 वर्ष)
– कक्षा 9 (15 वर्ष)
– कक्षा 10 (16 वर्ष)
– कक्षा 11 (17 वर्ष)
– कक्षा 12 (18 वर्ष)
2. बोर्ड परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव
– अब केवल कक्षा 12वीं में बोर्ड परीक्षा होगी, 10वीं बोर्ड को अनिवार्य नहीं रखा गया है।
– मूल्यांकन प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और समझ-आधारित बनाया जाएगा।
– छात्रों को विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं से गुजरने के बजाय समग्र रूप से मूल्यांकन किया जाएगा।
3. भाषा नीति में परिवर्तन
– अब 5वीं तक की शिक्षा मातृभाषा, स्थानीय भाषा या राष्ट्रीय भाषा में दी जाएगी।
– अंग्रेजी को सिर्फ एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
– उच्च शिक्षा में भी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
4. उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार
– एमफिल (MPhil) कार्यक्रम को समाप्त किया गया है और अब छात्र सीधे मास्टर्स के बाद पीएचडी कर सकेंगे।
– कॉलेज की डिग्री अब 3 या 4 वर्षों की होगी, जिसमें:
– 1 वर्ष बाद सर्टिफिकेट,
– 2 वर्ष बाद डिप्लोमा,
– 3 वर्ष बाद डिग्री,
– 4 वर्ष की डिग्री करने वाले छात्र सीधे 1 वर्ष में MA कर सकेंगे।
– छात्रों को कोर्स के बीच में ब्रेक लेने और अन्य कोर्स करने की अनुमति दी जाएगी।
5. उच्च शिक्षा में प्रवेश और अनुसंधान को बढ़ावा
– उच्च शिक्षा में प्रवेश दर (GER) को 2035 तक 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
– शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ाया जाएगा।
– ई-कोर्स क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू किए जाएंगे और वर्चुअल लैब्स विकसित की जाएंगी।
– राष्ट्रीय शैक्षिक तकनीकी मंच (NETF) की स्थापना की जाएगी ताकि शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित किया जा सके।
6. एकीकृत शिक्षा प्रणाली और समान अवसर
– सभी सरकारी, निजी और डीम्ड संस्थानों के लिए एक समान नियम लागू होंगे।
– शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अधिक सशक्त किया जाएगा।
– विशेष रूप से वंचित वर्गों और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन लर्निंग से जोड़ा जाएगा।
निष्कर्ष
नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। यह नीति न केवल छात्रों की बौद्धिक और व्यावसायिक क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि रोजगारपरक और व्यावहारिक शिक्षा को भी बढ़ावा देगी। इस नीति के माध्यम से भारत का शिक्षा तंत्र वैश्विक मानकों के अनुरूप बनेगा और 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
Leave a Reply