“उत्तर प्रदेश सरकार की टॉप 10 महिला कल्याण योजनाएं – हर महिला को जरूर जानना चाहिए!”

दर्पण टुडे न्यूज़​

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित **भाग्यलक्ष्मी योजना** का उद्देश्य राज्य में बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हो सके।

**मुख्य विशेषताएँ:**

– **वित्तीय सहायता:** बालिका के जन्म पर परिवार को ₹50,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

– **माता को प्रोत्साहन राशि:** बालिका के जन्म के समय माता को ₹5,100 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

**लाभ:**

– बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।

– बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार।

**पात्रता मानदंड:**

1. **आवासीय पात्रता:** आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।

2. **आय सीमा:** परिवार की वार्षिक आय ₹2,00,000 से कम होनी चाहिए।

3. **बालिका का जन्म:** बालिका का जन्म 31 मार्च 2006 के बाद होना चाहिए।

4. **पंजीकरण:** बालिका का जन्म के एक महीने के भीतर आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण होना आवश्यक है।

5. **शिक्षा:** बालिका की शिक्षा सरकारी स्कूल में होनी चाहिए।

6. **विवाह आयु:** बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु के बाद ही होना चाहिए।

**आवेदन प्रक्रिया:**

1. **आवेदन फॉर्म प्राप्त करें:**

– सबसे पहले, [महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश] की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

– वहां से ‘भाग्यलक्ष्मी योजना’ के आवेदन फॉर्म का पीडीएफ डाउनलोड करें।

2. **फॉर्म भरें:**

– आवेदन फॉर्म में मां, पिता और बालिका का नाम, आधार नंबर, पता आदि सही-सही भरें।

– माता-पिता के साथ बालिका की फोटो निर्धारित स्थान पर चिपकाएं।

3. **दस्तावेज़ संलग्न करें:**

– आवेदन फॉर्म के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ों की प्रतियां संलग्न करें:

– माता-पिता और बालिका का आधार कार्ड।

– आय प्रमाण पत्र।

– बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

– राशन कार्ड।

– जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।

– निवास प्रमाण पत्र।

– बैंक खाता पासबुक की प्रति।

– पासपोर्ट आकार के फोटो।

4. **फॉर्म जमा करें:**

– भरे हुए आवेदन फॉर्म को सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा करें।

**महत्वपूर्ण बिंदु:**

– आवेदन के समय सभी जानकारी सही-सही भरें, क्योंकि गलत जानकारी के कारण आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।

– आवेदन जमा करने के बाद, उसकी एक प्रति और रसीद अपने पास सुरक्षित रखें।

– आवेदन की स्थिति जानने के लिए संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र या महिला कल्याण विभाग के कार्यालय से संपर्क करें।

भाग्यलक्ष्मी योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस योजना का लाभ उठाकर आप अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बना सकते हैं।

 

 

उत्तर प्रदेश सरकार के महिला कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा, और कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना, और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। प्रमुख योजनाओं की क्रमबद्ध जानकारी निम्नलिखित है:

1. राजकीय महिला शरणालय / संरक्षण गृह:

उद्देश्य: महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • भारतीय दंड संहिता के तहत पीड़ित महिलाओं, घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं, नैतिक संकट से ग्रस्त और जरूरतमंद महिलाओं को आश्रय प्रदान करना।
  • निवासरत महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य, शिक्षा, वस्त्र, भोजन, कौशल विकास प्रशिक्षण आदि की सुविधा।

संचालन: वर्तमान में प्रदेश के 12 जनपदों (आगरा, गोरखपुर, मथुरा, इटावा, वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, और कानपुर नगर) में संचालित, कुल 725 महिलाओं की क्षमता के साथ।

2. वृद्ध महिला आश्रम:

उद्देश्य: वृद्ध महिलाओं को आश्रय और देखभाल प्रदान करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • वृद्ध महिलाओं के लिए आश्रय, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, और मनोरंजन की सुविधा।

संचालन: वर्तमान में 100 की क्षमता के 2 वृद्ध महिला आश्रम (अयोध्या और मिर्जापुर) में संचालित।

3. मिशन शक्ति:

उद्देश्य: महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, और स्वावलंबन को बढ़ावा देना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान।
  • महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • महिला हेल्पलाइन और वन-स्टॉप सेंटर की स्थापना।

4. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना:

उद्देश्य: बालिकाओं के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा तक आर्थिक सहायता प्रदान करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • बालिका के जन्म, टीकाकरण, प्रथम कक्षा, छठी कक्षा, नौवीं कक्षा, और स्नातक या डिप्लोमा में प्रवेश पर आर्थिक सहायता।
  • कुल ₹15,000 की आर्थिक सहायता विभिन्न चरणों में प्रदान की जाती है।

5. महिला हेल्पलाइन 181:

उद्देश्य: महिलाओं को आपातकालीन सहायता और परामर्श प्रदान करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन सेवा।
  • घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, या किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में सहायता।

6. वन-स्टॉप सेंटर:

उद्देश्य: हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • चिकित्सा सहायता, कानूनी परामर्श, पुलिस सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श, और अस्थायी आश्रय की सुविधा।

7. महिला सशक्तिकरण योजना:

उद्देश्य: महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।
  • स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता और ऋण प्रदान करना।

8. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ:

उद्देश्य: बालिकाओं के जन्म और शिक्षा को प्रोत्साहित करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • लिंग अनुपात में सुधार के लिए जागरूकता अभियान।
  • बालिकाओं की शिक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम।

9. महिला शक्ति केंद्र:

उद्देश्य: ग्राम स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • महिलाओं के लिए सूचना और समर्थन केंद्र की स्थापना।
  • सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ प्रदान करना।

10. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम:

उद्देश्य: महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना।

मुख्य विशेषताएँ:

  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निवारण के लिए आंतरिक शिकायत समिति की स्थापना।
  • महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।

इन योजनाओं के माध्यम से, उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा, और कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। अधिक जानकारी और आवेदन प्रक्रियाओं के लिए, आप महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।

 

महिला कल्याण द्वारा संचालित कार्यक्रम एवं योजनाएं

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